चमन श्रीवास्तव प्रदेश अध्यक्ष कार्यकारी
कायस्थ जाति नहीं संस्कृति है
कायस्थ शब्द कहते ही मन में एक चित्र उभर कर सामने आता है वह जो काया से उत्पन्न हो। ब्रह्या जी को सभी वर्णो की उत्पति का जनक माना जाता है ब्रह्या जी के सिर से ब्राम्हण, बाहु से क्षत्रिय उदर से वैश्य पैरों से शूद्र की उत्पति हा वर्णन हमें मनुस्मृति व अन्य धार्मिक ग्रंथों में प्राप्ता होता है
ब्राहाणों वैश्य मुखमासीत, बाहु राजन्य कृतः ।
उक्र तदस्थ यध्देश्य पदमयां शूद्रो जायतें ।।